October 14, 2025 4:30 am

भोजन सेवा…सीताराम रसोई में पितृ मोक्ष अमावस्या पर 300 परिवारों ने कराया पूर्वजों की याद में भोजन

हरगोविंद प्रजापति, सागर।  सीताराम रसोई समिति के लिए पितृपक्ष के 15 दिन विशेष होते हैं। पितृ मोक्ष अमावस्या पर 300 से अधिक परिवारों ने श्राद्ध भोजन कराया। सुबह से शाम तक करीब 600 लोगों ने भोजन ग्रहण किया। पिछले 22 सालों में सीताराम रसोई समिति ने भोजन सेवा को लेकर एक मिसाल कायम की है। गरीब- असहयों को दोनों समय भोजन उपलब्ध कराने के साथ ही पितृपक्ष में अन्न दान की विशेष सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।सीताराम रसोई समिति के सचिव व समाजसेवी इंजीनियर प्रकाश चौबे बताते हैं कि श्राद्ध पक्ष में लोग दिवंगतों, पूर्वजों कि याद में श्राद्ध के लिए पहले से रजिस्ट्रेशन करा लेते हैं। एक दिन में करीब 50-60 लोगों को भोजन कराया गया। समिति श्राद्ध का भोजन कराने के लिए 1500 रुपए की रसीद काटती है।  यहां ब्राह्मण व गरीबों को भोजन कराते हैं। 31 दिसंबर 2003 को एक किराए के भवन में गरीबों को निःशुल्क भोजन वह भी दोनों वक्त का खिलाना प्रारंभ किया था। वर्तमान में समिति का खुद का भवन, वाहन और अन्य संसाधन हैं। समिति के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र चऊदा, सदस्य कृष्णपाल ठाकुर, आलोक अग्रवाल, डब्बू मुखारया, मनोज डेंगरे, राजकमल केशरवानी, इंजीनियर संजीव चौरसिया, राजीव चौरसिया, मनोज वर्मा, प्रभात जैन, राजेश गुप्ता, अतुल ठाकुर सहयोग कर रहे हैं। इंजीनियर चौबे ने बताया कि श्री सीताराम रसोई में पितृ मोक्षअमावस्या पर 300 से अधिक परिवारों के द्वारा अपने पूर्वजों की स्मृति में भोजन कराया। इस अवसर पर ब्राह्मणों का सम्मान किया गया एवं रसोई में जो अपनी सेवाएं दे रहे हैं जो भोजन तैयार करते हैं और वहां का जो मैनेजमेंट स्टाफ और प्रबंधन देखते हैं उन सभी का भी सम्मान किया गया। अतिथियों ने  दान व सम्मान राशि प्रदान की। श्री सीताराम रसोई परिवार की ओर से सभी का आभार व्यक्त किया गया। इंजीनियर चौबे ने सीताराम रसोई समिति की तरफ से कहा कि यदि रसोई प्रबंधन की तरफ से किसी भी प्रकार की आपको कोई परेशानी हुई हो तो रसोई परिवार आप से क्षमा मांगता है। इस अवसर पर पूर्व कुलपति जनक दुलारी आही, पूर्व सिविल सर्जन इंद्राज सिंह, अंकुर चौरसिया कल्पधाम ग्रुप, अजय दुबे सहित समिति के सभी सदस्य मौजूद थे।

कुपोषितों को पोषण आहार के बाद मरीजों को खिचड़ी वितरण

इंजीनियर चौबे ने बताया कि रसोई 365 दिन संचालित रहती है। 200 लोगों को घर पर भोजन पहुंचाया जा रहा है। कोई भूखा न सोये इसी सोच के साथ मंदिर, स्टेशन, बस स्टैंड, धर्मशाला में रहने वाले असहाय लोगों को भोजन पहुंचा रहे हैं। बड़ी राशि पितृपक्ष में दान से आती है। इसके अलावा समिति सदस्य व शहर के समाजसेवी आर्थिक सहयोग कर रहे हैं। सबके सहयोग से समिति दो दशक से लोगों को भरपेट भोजन कराने का काम रही है। समिति ने इसी क्रम में और भी प्रकल्प किए हैं। हैं। 150 कुपोषित बच्चों को पोषण आहार बांटा जा रहा है। शाम को जिला अस्पताल व बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में खिचड़ी वितरित करा रहे हैं। सैकड़ों बच्चों को कम्प्यूटर शिक्षा के अलावा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सिलाई प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

 

 

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