–जगद्गुरु रामभद्राचार्य को दी गई डी-लिट की मानद उपाधि,957 छात्र-छात्राओं को भी मिली उपाधि
सागर। सागर के डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय का 33 वां दीक्षांत समारोह शुक्रवार को गौर प्रांगण में आयोजित किया गया। खराब मौसम के कारण समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी सागर नहीं आ सके। केंद्रीय मंत्री ने वर्चुअल समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए हर क्षेत्र में विकास जरूरी है। उन्होंने छात्रों से कहा कि आप देश का भविष्य भी हो और वर्तमान भी। स्वामी विवेकानंद और महात्मा गांधी के विचारों का उल्लेख करते हुए युवाओं से उनके पदचिह्नों पर चलने का आह्वान किया। गडकरी ने कहा कि हमारे पास दुनिया की सर्वश्रेष्ठ तकनीक है। गरीबी, भुखमरी और बेरोजगारी को दूर करना है। हर गांव में बिजली, पानी, स्वास्थ्य और सड़क की व्यवस्था करनी है। इसके लिए ताकत और इच्छाशक्ति की जरूरत है, जो शिक्षा से ही संभव है।
रामभद्राचार्य बोले-विधायक या मंत्री बनने से पहले तक आदमी के पास कुछ नहीं होता, फिर सब हो जाता है
दीक्षांत समारोह में जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य को डी-लिट की मानद उपाधि दी गई। उन्होंने मानद उपाधि को माथे से लगा लिया। पद्मभूषण रामभद्राचार्य ने कहा कि विधायक या मंत्री बनने से पहले आदमी के पास कुछ नहीं होता, लेकिन नेता बनने के बाद सब कुछ हो जाता है। उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में भ्रष्टाचार व्याप्त है, जिसे खत्म करना जरूरी है। उन्होंने छात्रों से कहा कि जहां भी जाएं, अपना काम ईमानदारी से करें। अंग्रेजी के बढ़ते प्रयोग पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि समारोह में सभी के अंग्रेजी में बोलने से ऐसा लगा जैसे वे लंदन की कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में बैठे हैं। डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल, कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, सांसद लता वानखेड़े, बंडा विधायक वीरेंद्र सिंह, कुलपति नीलिमा गुप्ता मंच पर उपस्थित रहे। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति कन्हैया लाल बेरवाल ने समारोह की अध्यक्षता की। दीक्षांत समारोह में कुल 1225 विद्यार्थियों ने पंजीयन कराया था, जिनमें से 957 छात्र-छात्राओं को उपाधि दी गई। इनमें पीजी के 426, यूजी के 482 और पीएचडी के 49 विद्यार्थी शामिल हैं।