सागर। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्यों ने एक ट्रेनिंग सेंटर के दस्तावेज के अलावा शराब की खाली बोतल, नोट गिनने की मशीन भी जप्त की है। न जाने किसकी क्या मजबूरी रही होगी,भई टेंशन भी तो कई तरह के हैं। जो इससे गुजरा है वही जानता है। काम के बाद टेंशन फ्री होने के लिए संस्थान में ही गटक ली, लेकिन गलती सिर्फ इतनी है कि बोतल ठिकाने नहीं लगा पाए। इस तरह के माहौल में क्या बेरोजगारों का भविष्य सुरक्षित है? इस बात पर आयोग बेहद सख्त है। खासकर तब जब इस संस्थान में लड़कियां भी काम कर रही हो। आयोग जांच कर रहा है कि कहीं युवाओं को बेवकूफ बनाकर उनके भविष्य से खिलवाड़ तो नहीं किया जा रहा। हम बात कर रहे हैं सिविल लाइन स्थित एलआईसी बिल्डिंग में खुले एक कौशल विकास सेन्टर की। इसके बोर्ड पर राधा रमण इंस्टीटयूट लिखा है। यहां पर निरीक्षण के दौरान शराब और बीयर की बोतलों के अलावा नोट गिनने की मशीन भी मिली है। साथ ही अन्य सर्टिफिकेट और सामग्री भी सामने आई है। कार्रवाई के दौरान संचालक उपस्थित नहीं मिले। जब संचालक से फोन पर संपर्क किया तो बताया गया कि वे बाहर हैं।
बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य ओंकार सिंह ने शुक्रवार को सिविल लाईंस स्थित राधा रमण इंस्टीटयूट पर जाकर आकस्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान जिला बाल संरक्षण अधिकारी बृजेश त्रिपाठी, नायब तहसीलदार रितु राय, राजस्व विभाग के आर आई, सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष श्रीमती किरण शर्मा, सदस्य सुरेन्द्र सेन, श्रीमती अनीता राजपूत, भगवत शरण बनवारिया, सदस्य चंद्रप्रकाश शुक्ला, सुश्री वंदना तोमर, जिला अस्पताल से फार्मासिस्ट दीपक जैन, श्रम विभाग, शिक्षा विभाग, आईटीआई सहित पुलिस व अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे। मिली जानकारी के अनुसार आयोग को शिकायत मिली थी।जिस पर निरीक्षण किया गया। सिविल लाईंस स्थित राधा रमण इंस्टीटयूट में बेरोजगार ग्रामीण युवाओं को क्लीनिक खोलने और उनको यहां से तीन माह का कोर्स करने के बाद पैरामेडीकल का सर्टिफिकेट मिलेगा। जिसके बाद वह ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाएं दे सकते हैं। इस तरह की शिकायत के बाद शुक्रवार को राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य औंकार सिंह ने इंस्टीटयूट का आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान यहां पर कई तरह की गफलत सामने आई।
सदस्य औंकार सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि राधा रमण इंस्टिट्यूट में बेरोजगार ग्रामीण युवाओं को स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए प्रशिक्षित करने का दावा किया जा रहा था। साथ ही यह इंस्टीटयूट ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने के लिए प्रेक्टिस करने की तैयारी करवा रहा था। यहां पर कोर्स करने आने वाले युवाओं से फीस ली जा रही थी। निरीक्षण के दौरान इंस्टीटयूट में शराब और बीयर की खाली और आधी भरी बोतलें भी मिली है। सिंह ने बताया कि हम जब वहां पहुंचे तो बालिकाएं अपना काम करते मिली। ऐसे ट्रेनिंग सेंटर और खासकर किशोर बालिका जहां काम कर रही है वहां पर इस प्रकार की सामग्री का पाया जाना बहुत ही आपत्तिजनक है। डीवीआर जब्त किया है। दो कमरे भी सील किये हैं।