सागर। थाेड़ा पढ़-लिखकर नाैकरी पा ली या काेई बिजनेस जमा लिया ताे शादी में मानाे लड़के काे साेने के भाव बिकने के लिए खड़ा कर दिया जाता है। दहेज में माेटर, कार, धन-संपत्ति की मांग में थाेड़ी से कम अापूर्ति के कारण कई बेटियाें काे दंश झेलना पड़ा। एेसे दहेज लाभियाें के सामने मिसाल बनकर अाए हैं परसाेरिया के चार्टर्ड अकाउंटेंट नीलेश कुमार लाेधी। उन्हाेंने अपने लग्नाेत्सव में वधू पक्ष से दिए जा रहे 10 लाख रुपए कैश लाैटाकर महज 101 रुपए का टीका कराया है। यही नहीं उन्हाेंने बिना दहेज के शादी का संकल्प लिया है। उनके पिता श्री गौरी शंकर लोधी चारटोरिया वाले के नाम से जाने जाते हैं। राजदार न्यूज से बात करते हुए नीलेश ने कहा कि मैं शुरुअात से ही दहेज प्रथा के खिलाफ रहा हूं। यह सामाजिक बुराई है। इसे खत्म करना चाहता हूं। लाेगाें से अपील करता हूं कि लाेग दान-दहेज के लालच के बिना अपने बेटाें की शादी करें ताकि लड़की पक्ष के लाेगाें पर काेई भार न अाए। उनकी इस पहल की समाज अाैर गांव के लाेगाें ने सराहना की है।
