महक पटेल, सागर
छावनी इलाके के प्राचीन परेड मंदिर में विराजे मूंछों वाले हनुमान सागर ही नहीं दूर-दूर तक सेना में सेवाएं दे रहे लाेगाेंे की अास्था का प्रमुख केंद्र हैं। माना जाता है कि यहां हनुमान जी एक सैनिक के रूप में विराजमान हैं। इस मंदिर को लेकर कई किवदंतियां प्रचलन में हैं। मंदिर के महंत राघवेंद्र गिरी बताते हैं कि मंदिर का नाम परेड मंदिर इसलिए है क्योंकि यहां सेना की परेड होती थी। अंग्रेजों के जमाने में भी सागर बड़ी छावनी थी। उस समय यहां विशाल मंदिर परिसर नहीं था। एक छोटे से मंदिर में हनुमान जी विराजे हुए थे।
सैनिक के रूप में भगवान ने दी थी हाजिरी
परेड मंदिर के अलावा जिले में गढ़पहरा धाम, पहलवान बब्बा, दादा दरबार में भगवान राम के परम भक्त हनुमान जी विराजमान हैं। इन सभी मंदिर का एेतिहासिक अाैर धार्मिक महत्व है। भक्तों ने आस्था और श्रद्धा के अनुसार हनुमान मूर्तियों की स्थापना की है। परेड मंदिर में श्रद्धालु हनुमान जी को सैनिक के रूप में पूजते हैं। यहां विराजे हनुमानजी की रौबदार मूछें है और हाथ सलामी देता प्रतीत होता है। महंत राघवेंद्र गिरी के अनुसार एक किवदंति यह भी है कि सेना का एक जवान भगवान हनुमान का भक्त था। एक बार सैनिक परेड छोड़कर मंदिर आ गया, तभी कर्नल अा गए। सैनिक के रूप में भगवान हनुमान ने हाजिरी दी। सागर छावनी इलाके में स्थित मंदिर सेना और स्थानीय लोगों की आस्था का केंद्र है। यहां आषाढ़ मास के हर मंगलवार को विशाल मेला भरता है।
जूना अखाड़ा से है संबंद्ध
परेड मंदिर वाराणसी के पंचदश जूना अखाड़ा से जुड़ा है। मंदिर परिसर में राम सीता और लक्ष्मण, राधा कृष्ण, भगवान शंकर और शनि देव का मंदिर भी है। यहां लगातार यज्ञ, हवन और धार्मिक आयोजन का सिलसिला चलता रहता है। सेना और स्थानीय लोगों के अलावा दूर-दूर से लोग परेड मंदिर में हनुमान जी के दर्शन करने आते हैं।